केंद्रीय पुस्तकालय
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About केंद्रीय पुस्तकालय
नालंदा सेंट्रल लाइब्रेरी
नालंदा सेंट्रल लाइब्रेरी की स्थापना 26 अक्टूबर 1984 को छात्रों, शिक्षकों और शोधार्थियों की शैक्षणिक एवं सूचना संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की गई थी। यह एक विशाल भवन में स्थित है, जिसमें 500 से अधिक उपयोगकर्ताओं के बैठने की क्षमता है।
इस संग्रह में 1,93,814 मुद्रित पुस्तकें, ई-बुक्स, 6,047 भारतीय एवं विदेशी शोध पत्रिकाओं के पुराने अंक, और 2,239 पीएच.डी. थीसिस (1,907 हार्ड कॉपी, 332 सॉफ्ट कॉपी) शामिल हैं।
- गांधीवादी सेल – 496 पुस्तकें
- छत्तीसगढ़ सेल – 277 पुस्तकें
- समान अवसर सेल – 304 पुस्तकें
- सेंटर फॉर एंडेंजर्ड लैंग्वेज – 111 पुस्तकें
- DACE – 913 पुस्तकें
- आदिवासी अध्ययन केंद्र – 1,220 पुस्तकें
- दुर्लभ पुस्तकें – 10 पुस्तकें
- भारतीय ज्ञान प्रणाली – 34 पुस्तकें
- थानहर ट्रस्ट, हैदराबाद – 16,407 पुस्तकें
लाइब्रेरी KOHA (23.11.03) का उपयोग करती है, जो एक ओपन-सोर्स लाइब्रेरी मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर (LMS) है, और इसमें इन-हाउस संचालन के लिए RFID सर्विलांस सिस्टम एकीकृत है। वेब OPAC के माध्यम से मुद्रित संसाधनों और ई-संसाधनों तक पहुंच प्राप्त की जा सकती है।
एक इलेक्ट्रॉनिक उपयोगकर्ता प्रवेश रजिस्टर (IP: 172.16.30.249:8000) Koha के नवीनतम मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है। विश्वविद्यालय प्रकाशन को ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है, जो प्रति वर्ष प्रकाशन, शीर्ष योगदानकर्ताओं, फंडिंग एजेंसियों और उद्धरणों के बारे में वास्तविक समय के आंकड़े प्रदान करता है। प्रवेश रजिस्टर लाइब्रेरी में आने वाले लोगों की संख्या भी ट्रैक करता है।
लाइब्रेरी में GGV ई-लाइब्रेरी नामक एक समर्पित पोर्टल है, जो वेब OPAC से जुड़ा हुआ है। यह एक-विंडो सिस्टम ई-बुक्स, ई-जर्नल्स और ई-डेटाबेस तक पहुंच प्रदान करता है। सभी संसाधन कैंपस भर में उपलब्ध हैं, जबकि ऑफ-कैंपस एक्सेस के लिए GGV ई-लाइब्रेरी के माध्यम से उपयोगकर्ता पंजीकरण आवश्यक है।
लाइब्रेरी के अंदर तीन इंटरनेट लैब्स में 142 पर्सनल कंप्यूटर हैं, जो मुफ्त इंटरनेट और वाई-फाई सुविधा प्रदान करते हैं।
- प्रतिलिपि सेवाएं (Reprography Services)
- वर्तमान जागरूकता सेवाएं (CAS)
- सूचना का चयनात्मक प्रसार (SDI)
- उपयोगकर्ताओं के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम