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केमिकल इंजीनियरिंग विभाग

गुरु घासीदास विश्‍वविद्यालय,बिलासपुर | अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी अध्ययन संकाय

मुख्य

हमारे बारे में

रसायन अभियांत्रिकी विभाग, गुरु घासीदास विश्वविविद्यालय, बिलासपुर के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला (पूर्व में प्रौद्योगिकी संस्थान) के अंतर्गत संचालित होता है, जिसकी स्थापना संस्थान के साथ ही वर्ष १९९७ में की गई थी। इस विभाग की स्थापना भारत में रासायनिक अभियांत्रिकी शिक्षा एवं अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनने की दूरदृष्टि के साथ की गई थी। विभाग बी.टेक., एम.टेक. एवं पीएच.डी. जैसे व्यापक शैक्षणिक कार्यक्रमों की पेशकश करता है, जिसमें बी.टेक. में प्रवेश जोसा /सीसैब अथवा जेईई उत्तीर्ण छात्रों के लिए विश्वविद्यालय स्तर की काउंसलिंग के माध्यम से किया जाता है। विभाग में १३ प्रतिभाशाली, ऊर्जावान एवं समर्पित युवा शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से कई प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी से शिक्षित हैं। उनके अनुसंधान के क्षेत्र बायोमास से नवीकरणीय ऊर्जा, जल शोधन, कैटलिसिस, पर-इवैपोरेशन, मेम्ब्रेन तकनीक द्वारा खाद्य प्रसंस्करण, और मेम्ब्रेन आधारित फ्यूल सेल, जैसी अत्याधुनिक विषयों तक विस्तृत हैं। संकाय सदस्य प्रभावशाली अनुसंधान, बहु-विषयक सहयोग और व्यावहारिक समस्याओं के समाधान हेतु नवाचार विकास में सक्रिय रूप से संलग्न हैं। आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के माध्यम से छात्रों को प्रयोगात्मक, समस्या समाधान एवं नवाचारात्मक क्षमताओं के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है। पाठ्यक्रम को शीर्ष संस्थानों जैसे आईआईटी की तर्ज़ पर डिज़ाइन किया गया है और इसे समय-समय पर उद्योग विशेषज्ञों, पूर्व छात्रों और शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों के आधार पर अद्यतन किया जाता है, जिससे छात्र वैश्विक रासायनिक अभियांत्रिकी क्षेत्र की बदलती मांगों के अनुरूप तैयार हो सकें। विभाग एक जीवंत शैक्षणिक संस्कृति को भी प्रोत्साहित करता है, जो कक्षा शिक्षण से कहीं आगे जाती है। भारत के विभिन्न हिस्सों से आने वाले विविध छात्र समुदाय के कारण यह विभाग समावेशी एवं बहुसांस्कृतिक वातावरण को बढ़ावा देता है। छात्र संघटन जैसे रासायन अभियांत्रिकी छात्र समिति (चैस) और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) के छात्र अध्याय द्वारा तकनीकी, पेशेवर एवं सह-पाठ्यक्रमीय गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जो छात्रों को समग्र रूप से भविष्य के लिए तैयार करती हैं। विभाग के छात्र अकादमिक उपलब्धियों, राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं, अनुसंधान प्रस्तुतियों एवं गेट जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, जो विभाग की सुदृढ़ मार्गदर्शन प्रणाली और शोध केंद्रित वातावरण का प्रमाण है। विभाग स्नातक छात्रों को प्रारंभिक स्तर पर ही अनुसंधान परियोजनाओं में भाग लेने और वैज्ञानिक मंचों पर प्रस्तुति के लिए प्रेरित करता है। विभाग अपने सशक्त एवं सहयोगी पूर्व छात्र नेटवर्क पर गर्व करता है, जिनका नियमित योगदान पाठ्यक्रम उन्नयन, औद्योगिक संपर्क और शैक्षणिक समृद्धि में सहायक होता है। विभाग के कई पूर्व छात्र विश्व की प्रतिष्ठित औद्योगिक इकाइयों, अनुसंधान संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं, जो विभाग की वैश्विक पहचान और विरासत का प्रतीक हैं। नई शिक्षा नीति (एनईपी-२०२०) की दूरदृष्टि के अनुरूप विभाग निरंतर शैक्षणिक नवाचार, अंतःविषय समन्वय एवं हितधारकों की भागीदारी को प्राथमिकता देता है। उत्कृष्टता, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ, रसायन अभियांत्रिकी विभाग उद्योगोन्मुखी, नैतिक और सक्षम अभियांत्रिकों को तैयार करने के अपने मिशन में दृढ़तापूर्वक अग्रसर है।


विभाग का दृष्टि

विभाग की दूरदृष्टि यह है कि वह स्वयं को रासायन अभियांत्रिकी शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ अध्ययन केंद्रों में स्थापित करे, ताकि उद्योग और समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु दक्ष एवं उत्तरदायी रासायन अभियांत्रिकों का निर्माण किया जा सके।

विभाग का उद्देश्य

विभाग का मिशन:

  1. उच्च नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों तथा उद्यमिता कौशल से युक्त करियर-उन्मुख रासायनिक अभियंताओं का निर्माण करना।

  2. समाज और उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु मूलभूत एवं अनुप्रयुक्त समस्याओं पर आधारित अनुसंधान संस्कृति का विकास करना।

  3. अकादमिक संस्थानों, उद्योगों एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना।


उपलब्धियाँ

रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग ने शैक्षणिक सत्र २०२४-२५ के दौरान अकादमिक, अनुसंधान, छात्र उपलब्धियों एवं संस्थागत विकास के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। विभाग ने डॉ. गौतम प्रसाद देवांगन एवं डॉ. पंकज कुमार के संयोजन में "अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: ट्रेंड्स इन एनर्जी एंड एनवायर्नमेंटल रिसर्च फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट-२०२४" का सफलतापूर्वक आयोजन किया तथा वार्षिक तकनीकी महोत्सव "इक्विलिब्रियो-२०२५" की मेज़बानी की, जिसका संयोजन भी डॉ. गौतम प्रसाद देवांगन ने किया। शिक्षकों की उपलब्धियों में प्रो. अमित जैन का तीन प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में नियुक्त होना प्रमुख है। साथ ही, प्रो. अमित जैन और डॉ. सौरभ मेश्र्राम ने विभिन्न अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में फैकल्टी चयन समितियों में विषय विशेषज्ञ के रूप में योगदान दिया। विभाग की अनुसंधान उपलब्धियाँ उल्लेखनीय रहीं, जो अकादमिक उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। संकाय सदस्यों ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में उल्लेखनीय योगदान दिया, जिसके परिणामस्वरूप इस अवधि के दौरान २५० से अधिक शोध प्रकाशन हुए। ये प्रकाशन विभिन्न अनुसंधान क्षेत्रों को कवर करते हैं और वैज्ञानिक एवं अभियांत्रिकी क्षेत्रों में विभाग के बढ़ते प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं। अनुसंधान प्रकाशनों में निरंतर वृद्धि संकाय सदस्यों की अत्याधुनिक अनुसंधान, अंतरविषयक सहयोग तथा प्रभावशाली समाधान खोजने में सक्रिय भागीदारी को दर्शाती है। यह उपलब्धि गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान पर विभाग के फोकस को रेखांकित करती है, जिससे यह ज्ञान सृजन और प्रसार का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है।विभाग को यूजीसी (डॉ. घोषणा ज्योति) और डीबीटी (डॉ. पंकज कुमार) द्वारा वित्तपोषित परियोजनाएँ प्राप्त हुईं एवं संचालित की गईं। साथ ही, डॉ. गौतम प्रसाद देवांगन, डॉ. बाबूराव गड्डाला, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. अनुराधा ननेवार जोशी, डॉ. सौरभ मेश्र्राम, प्रो. अमित जैन, श्री सत्यजीत भट्टाचार्य एवं डॉ. नीरज चंद्राकर द्वारा नीति आयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, फीस्ट एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को उच्च मूल्य की अनुसंधान परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। डॉ. बाबूराव गड्डाला द्वारा “एआई आधारित कार्बन प्रदूषण पहचानने वाली यंत्रविषय पर एक पेटेंट दाखिल एवं प्रकाशित किया गया। छात्र उपलब्धियों की बात करें तो, बी.टेक. के छात्र अभिषेक आचार्य, एम. श्रुति, शाश्वत तिवारी एवं नंदिनी दीक्षित को प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिला। साथ ही, राम मनीष कुमार एवं ओमप्रकाश ने गेट जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा उत्तीर्ण की। विशेष रूप से, नंदिनी दीक्षित ने विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए १२ जनवरी २०२५ को भारत मंडपम, नई दिल्ली में सहभागिता की। इन समेकित उपलब्धियों से यह स्पष्ट होता है कि विभाग शिक्षा में उत्कृष्टता, प्रभावशाली अनुसंधान एवं विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के सर्वांगीण विकास के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

 

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